Krishi Sakhis Yojana 2025: आप भी प्रति वर्ष 60 हजार से 80 हजार कमा सकते हैं, इसके लिए यह आवश्यक है..

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग 58% आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। हालांकि, कृषि क्षेत्र में महिलाओं का योगदान अक्सर अनदेखा रह जाता है। Krishi Sakhis Yojana इस अंतर को पाटने और ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए शुरू की गई एक अभिनव पहल है। यह योजना 2025 में नए आयामों के साथ और भी व्यापक हो गई है, जिसमें ग्रामीण महिला किसान को कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए विशेष प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और तकनीकी ज्ञान प्रदान किया जाता है।
योजना का उद्देश्य Krishi Sakhis Yojana
Krishi Sakhis Yojana के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- महिलाओं को कृषि में प्रशिक्षण देना: महिलाओं को मृदा परीक्षण, बीज प्रसंस्करण, जैविक खाद निर्माण, फसल संरक्षण, और कटाई तकनीकों जैसे विषयों में प्रशिक्षण प्रदान करना।
- रोजगार के अवसर सृजित करना: प्रशिक्षित महिलाओं को कृषि पैरा-विस्तार कार्यकर्ता (APEW) के रूप में नियुक्त करना, ताकि वे किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान कर सकें।
- आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाना: महिलाओं को कृषि क्षेत्र में सशक्त बनाना, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
महिला सशक्तिकरण: ग्रामीण महिलाओं को कृषि क्षेत्र में आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना। कृषि उत्पादकता बढ़ाना: वैज्ञानिक तरीकों और नवीनतम तकनीकों के माध्यम से कृषि उत्पादन को बढ़ावा देना। टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना: पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना। ग्रामीण रोजगार सृजन: ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना। खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना: स्थानीय स्तर पर खाद्य उत्पादन को बढ़ावा देकर खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना। कौशल विकास: ग्रामीण महिलाओं को कृषि संबंधी विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित करना। किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) का निर्माण: महिला किसानों के समूहों को प्रोत्साहित करके संगठित क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाना।
योजना क्या है? Krishi Sakhis Yojana
Krishi Sakhis Yojana एक केंद्रीय सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कृषि विशेषज्ञ के रूप में विकसित करना है। इन कृषि सखियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों में अन्य महिला किसानों को सहायता और मार्गदर्शन प्रदान कर सकें। यह योजना महिला सशक्तिकरण और कृषि विकास के दोहरे लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करती है।
इस योजना की शुरुआत 2018 में की गई थी, और तब से यह देश के विभिन्न राज्यों में लागू की जा रही है। वर्ष 2025 तक, सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक गांव में कम से कम एक प्रशिक्षित कृषि सखी हो, जो ग्रामीण महिला किसानों को सशक्त बनाने में मदद कर सके।
लाभार्थी और पात्रता मानदंड Krishi Sakhis Yojana
Krishi Sakhis Yojana 2025 के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
- आयु सीमा: आवेदक की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- शैक्षिक योग्यता: न्यूनतम 8वीं कक्षा पास होना आवश्यक है। हालांकि, कुछ राज्यों में यह मानदंड 5वीं कक्षा तक शिथिल किया गया है।
- निवास स्थान: आवेदक को ग्रामीण क्षेत्र का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- कृषि अनुभव: कृषि कार्य में कुछ अनुभव या रुचि होना वांछनीय है।
- प्राथमिकता समूह: निम्नलिखित समूहों को प्राथमिकता दी जाती है:
- महिला किसान
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति की महिलाएं
- छोटे और सीमांत किसान परिवारों की महिलाएं
- एकल महिलाएं या विधवाएं
- स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की सदस्य महिलाएं

कृषि सखी योजना 2025 की नई विशेषताएं Krishi Sakhis Yojana
वर्ष 2025 में, Krishi Sakhis Yojanaमें कई महत्वपूर्ण बदलाव और नवीनताएं की गई हैं:
- डिजिटल कृषि सखी: इस नई पहल के तहत, कृषि सखियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसानों तक पहुंचने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें स्मार्टफोन और टैबलेट प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे डिजिटल कृषि सेवाओं तक पहुंच सकें।
- कृषि सखी ऐप: एक समर्पित मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया गया है, जिसके माध्यम से कृषि सखियां मौसम की जानकारी, बाजार मूल्य, कृषि सलाह और सरकारी योजनाओं के बारे में अपडेट प्राप्त कर सकती हैं।
- वित्तीय प्रोत्साहन में वृद्धि: कृषि सखियों को मिलने वाले मासिक मानदेय को बढ़ाकर ₹6,000 कर दिया गया है, साथ ही प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन भी शामिल किए गए हैं।
- कृषि उद्यमिता कार्यक्रम: कृषि सखियों को छोटे कृषि-व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिसके लिए उन्हें विशेष ऋण सुविधाएं और सब्सिडी प्रदान की जा रही हैं।
- जलवायु अनुकूल कृषि पर जोर: इस वर्ष से, कृषि सखियों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
- राष्ट्रीय कृषि सखी पोर्टल: एक समर्पित वेब पोर्टल लॉन्च किया गया है, जहां कृषि सखियां अपनी प्रगति का ट्रैक रख सकती हैं और विभिन्न सरकारी विभागों से संपर्क कर सकती हैं।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम: चुनिंदा कृषि सखियों को विदेशों में उन्नत कृषि तकनीकों का अध्ययन करने के लिए भेजा जाएगा।
योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभ Krishi Sakhis Yojana
Krishi Sakhis Yojana 2025 के अंतर्गत महिला लाभार्थियों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:
वित्तीय लाभ:
- मासिक मानदेय: ₹6,000 प्रति माह की दर से मानदेय
- प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन: अतिरिक्त ₹2,000 तक प्रति माह
- कृषि उपकरण अनुदान: ₹15,000 तक का अनुदान कृषि उपकरणों की खरीद के लिए
- बीज अनुदान: ₹5,000 तक का अनुदान गुणवत्तापूर्ण बीजों की खरीद के लिए
- स्मार्टफोन सब्सिडी: डिजिटल कृषि सेवाओं के लिए 70% तक की सब्सिडी पर स्मार्टफोन
प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण:
- व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम: 3 महीने का प्रशिक्षण
- नियमित रिफ्रेशर कोर्स: हर 6 महीने में अपडेटेड कोर्स
- विशेष कौशल विकास कार्यक्रम: जैविक खेती, हाइड्रोपोनिक्स, आदि में विशेष प्रशिक्षण
- कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा प्रमाणन: मान्यता प्राप्त संस्थानों से प्रमाणपत्र
अन्य लाभ:
- स्वास्थ्य बीमा: ₹5 लाख तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज
- जीवन बीमा: ₹2 लाख का जीवन बीमा
- स्मार्टफोन और डिजिटल टूलकिट: तकनीकी सहायता के लिए
- विशेष पहचान पत्र: सरकारी विभागों और संस्थानों में प्राथमिकता
- कृषि मेलों में भागीदारी: राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कृषि मेलों में भाग लेने का अवसर
आवेदन प्रक्रिया Krishi Sakhis Yojana
Krishi Sakhis Yojana 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
ऑनलाइन आवेदन:
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं:
- “नया पंजीकरण” विकल्प पर क्लिक करें
- अपना आधार नंबर और मोबाइल नंबर दर्ज करें
- OTP सत्यापन के बाद, आवेदन फॉर्म भरें
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें
- आवेदन जमा करें और पंजीकरण संख्या प्राप्त करें
ऑफलाइन आवेदन:
- अपने नजदीकी कृषि विकास केंद्र या ग्राम पंचायत कार्यालय से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें
- फॉर्म को सावधानीपूर्वक भरें और आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न करें
- भरा हुआ फॉर्म संबंधित कार्यालय में जमा करें
- पावती रसीद प्राप्त करें
आवश्यक दस्तावेज Krishi Sakhis Yojana
Krishi Sakhis Yojana 2025 के लिए आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
- पहचान प्रमाण: आधार कार्ड (अनिवार्य)
- निवास प्रमाण: राशन कार्ड/मतदाता पहचान पत्र/बिजली बिल
- आयु प्रमाण: जन्म प्रमाण पत्र/आधार कार्ड/10वीं कक्षा का प्रमाण पत्र
- शैक्षिक योग्यता: शैक्षिक प्रमाण पत्र (न्यूनतम 8वीं पास)
- बैंक खाता विवरण: पासबुक की प्रति या रद्द किया गया चेक
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- BPL कार्ड (यदि लागू हो)
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ: 2 नवीनतम फोटो
- मोबाइल नंबर: आधार से लिंक किया हुआ
- कृषि अनुभव प्रमाण (यदि कोई हो)
- स्वयं सहायता समूह सदस्यता प्रमाण (यदि लागू हो)

अपडेट्स Krishi Sakhis Yojana
वर्ष 2025 में Krishi Sakhis Yojana में किए गए नवीनतम बदलाव निम्नलिखित हैं:
- बजट आवंटन में वृद्धि: वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए योजना का बजट बढ़ाकर ₹5,000 करोड़ कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष के ₹3,200 करोड़ से 56% अधिक है।
- लक्ष्य विस्तार: अगले 3 वर्षों में 1 मिलियन नई कृषि सखियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
- प्रमाणीकरण मानक: कृषि सखियों के लिए राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणीकरण शुरू किया गया है, जिससे उनकी योग्यता को मान्यता मिलेगी।
- डिजिटल कृषि पहल: कृषि सखियों को ड्रोन टेक्नोलॉजी, सेंसर-आधारित सिंचाई और मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग में प्रशिक्षित किया जाएगा।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: इजरायल, नीदरलैंड और जापान जैसे देशों के साथ तकनीकी सहयोग समझौते किए गए हैं, जिससे कृषि सखियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अनुभव प्राप्त होंगे।
- किसान दर्शन कार्यक्रम: कृषि सखियों को देश के विभिन्न कृषि अनुसंधान केंद्रों और प्रगतिशील किसानों के खेतों पर ले जाया जाएगा।
- जैविक प्रमाणन सहायता: कृषि सखियों के माध्यम से किसानों को जैविक प्रमाणन प्राप्त करने में सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रशिक्षण के प्रमुख विषय Krishi Sakhis Yojana
कृषि सखी प्रशिक्षण में निम्नलिखित विषय शामिल हैं:
- भूमि की तैयारी से लेकर फसल कटाई तक: भूमि की तैयारी, बीज बोने, फसल की देखभाल, और कटाई की तकनीकें।
- मृदा स्वास्थ्य और नमी संरक्षण: मृदा की गुणवत्ता बनाए रखना और जल संरक्षण की तकनीकें।
- पशुधन प्रबंधन: पशुओं की देखभाल और प्रबंधन।
- बायो इनपुट की तैयारी और उपयोग: जैविक खाद और कीटनाशकों की तैयारी और उनका उपयोग।
- बीज बैंक की स्थापना और प्रबंधन: बीजों का संग्रहण और उनका प्रबंधन।
- बुनियादी संचार कौशल: किसानों के साथ प्रभावी संवाद स्थापित करने की क्षमता।
आय के अवसर Krishi Sakhis Yojana
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद, कृषि सखियाँ विभिन्न गतिविधियों में भाग लेकर आय अर्जित कर सकती हैं, जैसे:
- बीज प्रसंस्करण और बिक्री: बीजों का प्रसंस्करण और उन्हें किसानों को बेचना।
- जैविक खाद निर्माण और बिक्री: जैविक खाद का निर्माण और उसका विपणन।
- फसल संरक्षण सेवाएँ: किसानों को फसल सुरक्षा सेवाएँ प्रदान करना।
- प्रशिक्षण और मार्गदर्शन: अन्य किसानों को कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देना।
सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) Krishi Sakhis Yojana
प्रश्न 1: कृषि सखी योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कृषि में प्रशिक्षित करना, उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना, और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
प्रश्न 2: इस योजना के लिए पात्रता मानदंड क्या हैं?
उत्तर: आवेदिका की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए, वह ग्रामीण क्षेत्र की निवासी होनी चाहिए, और निम्न आय वर्ग की होनी चाहिए।
प्रश्न 3: प्रशिक्षण के बाद कृषि सखियाँ क्या कार्य करेंगी?
उत्तर: प्रशिक्षण के बाद, कृषि सखियाँ किसानों को कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देंगी, जैविक खाद बनाएँगी, बीज प्रसंस्करण करेंगी, और अन्य कृषि संबंधित सेवाएँ प्रदान करेंगी।
प्रश्न 4: इस योजना के तहत कितनी महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है?
उत्तर: पहले चरण में देश के 12 राज्यों में कुल 90,000 महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
प्रश्न 5: कृषि सखी को कितना मानदेय मिलता है?
उत्तर: कृषि सखियों को प्रति माह ₹5,000 का मानदेय दिया जाता है।
निष्कर्ष Krishi Sakhis Yojana
Krishi Sakhis Yojana 2025 (KSCP) का उद्देश्य ग्रामीण भारत में महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें कृषि क्षेत्र में पैरा-एक्सटेंशन कार्यकर्ता के रूप में प्रशिक्षित और प्रमाणित करना है। यह पहल ‘लखपति दीदी’ कार्यक्रम के अंतर्गत आती है, जो महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए समर्पित है।
Krishi Sakhis Yojana भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को कृषि क्षेत्र में सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत महिलाओं को आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे न केवल किसानों की सहायता कर सकें, बल्कि स्वयं भी रोजगार के अवसर प्राप्त कर सकें।