PM Fasal Bima Yojana 2025: फसल बीमा से के तहत भारत सरकार करेगी किसानो की भरपाई, जाने पूरी आवेदन प्रक्रिया

PM Fasal Bima Yojana 2025: दोस्तों, Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) एक सरकारी योजना है जो किसानों को उनकी फसल में होने वाले नुकसान की स्थिति में वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के अंतर्गत किसान अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट कर सकते हैं और उन्हें बीमा के माध्यम से भरपाई मिलती है इसीलिए,हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले है कि PM Fasal Bima Yojana 2025 में आवेदन कैसे करें, पात्रता , लाभ, उधेश्य, योग्यता क्या-क्या है इसके लिए आपको थोरा सा काम करने की जरुरत है बस इस लेख को अंत तक पढ़ना है:
Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (PMFBY) क्या है? PM Fasal Bima Yojana
PM Fasal Bima Yojana 2025:भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने 18 फरवरी 20 को PM Fasal Bima Yojana का Start किया है। यह योजना किसानों को उनकी फसल में होने वाले नुकसान की रिपोर्ट करने और उसके बाद वित्तीय सहायता प्राप्त करने का माध्यम है। प्रधानमंत्री जी द्वारा इस योजना का शुरू करने का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हुए किसानों को नयी और आधुनिक कृषि पढ़ार्थों एवं उपकरणों तक पहुंचने में सहायता दिया जा सके।
PM Fasal Bima Yojana 2025: के तहत सरकार द्वारा विभिन्न फसलों के नुकसान पर अलग-अलग राशि प्रदान की जाती है। इसके लिए किसानों को कुछ आवश्यक पात्रताएं पूरी करनी होती हैं और उन्हें आवश्यक दस्तावेज़ भी तैयार करने की आवश्यकता होती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों, रोगों और अन्य जोखिमों से होने वाले फसल नुकसान के लिए वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना 2016 में शुरू हुई थी और अब इसे 2026 तक बढ़ा दिया गया है, जिसके लिए ₹69,515.71 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है

पीएम फसल बीमा योजना 2025: आवेदन प्रक्रिया PM Fasal Bima Yojana
1. ऑनलाइन आवेदन (e-KYC के साथ)
- वेबसाइट: PMFBY आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।
- e-KYC: आधार कार्ड और बैंक खाता विवरण के साथ e-KYC प्रक्रिया पूरी करें।
- फसल विवरण: बीमित फसल, क्षेत्रफल, बुवाई तिथि आदि की जानकारी भरें।
- सत्यापन: सभी विवरणों की पुष्टि करें और आवेदन सबमिट करें।
2. सीएससी (Common Service Center) के माध्यम से आवेदन
- नजदीकी CSC: अपने क्षेत्र के CSC केंद्र पर जाएं।
- दस्तावेज़: आधार कार्ड, बैंक पासबुक, भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र आदि प्रस्तुत करें।
- फॉर्म भरें: CSC ऑपरेटर के माध्यम से आवेदन फॉर्म भरें।
- सत्यापन: आवेदन की पुष्टि और पावती प्राप्त करें।
3. बैंक शाखाओं के माध्यम से आवेदन
- बैंक संपर्क: अपने संबंधित बैंक शाखा से संपर्क करें।
- दस्तावेज़: आवश्यक दस्तावेज़ जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण आदि प्रस्तुत करें।
- फॉर्म भरें: बैंक अधिकारी के मार्गदर्शन में आवेदन फॉर्म भरें।
- सत्यापन: आवेदन की पुष्टि प्राप्त करें।
- सबसे पहले PM Fasal Bima Yojana 2025 में आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- अब आपको वेबसाइट के होम पेज पर ‘Farmer Coner’ का आप्शन दिखाई देगा उसपर क्लिक करें।
- इसके बाद ‘Guest Farmer’ के ऑप्शन पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने आवेदन फॉर्म खुल जयेफा आवेदन पत्र को भरें और सभी आवश्यक जानकारी दर्ज करें।
- अंतिम में Application Form को सबमिट करें।
- अब आपका आवेदन प्रक्रिया पूरा हुआ ।
पात्रता मापदंड PM Fasal Bima Yojana
- कृषि भूमि: बीमित भूमि पर खेती करने वाला या बटाईदार होना चाहिए।
- दस्तावेज़: वैध भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र या बटाईदारी समझौता होना चाहिए।
- नागरिकता: आवेदनकर्ता भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- बैंक खाता: स्वयं का बैंक खाता होना चाहिए। योजना के लाभ उठाने के लिए किसानों को अनुसूचित क्षेत्र में भूमि मालिक, किरायेदार के रूप में अधिसूचित फसलों के उत्पादन में शामिल होना चाहिए।
- आवेदक भारत के नागरिक होने चाहिए।
- आवेदनकर्ता एक Middle Class फॅमिली से होना चाहिए या गरीब परवर से।
- आवेदक के पास आवेदन करने के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज होने चाहिए।
- अन्य बीमा: किसी अन्य योजना से उसी फसल के नुकसान के लिए मुआवजा प्राप्त नहीं किया गया हो।
प्रीमियम दरें और सब्सिडी PM Fasal Bima Yojana
मौसम | फसल प्रकार | अधिकतम प्रीमियम दर (%) | किसान द्वारा देय प्रीमियम (%) | सरकार द्वारा सब्सिडी (%) |
---|---|---|---|---|
खरीफ | खाद्य, तिलहन, दालें | 2.0% | 2.0% | 50% |
रबी | खाद्य, तिलहन, दालें | 1.5% | 1.5% | 50% |
वार्षिक वाणिज्यिक/बागवानी | विभिन्न | 5.0% | 5.0% | 50% |
कवर किए गए जोखिम PM Fasal Bima Yojana
- खड़ी फसलें: प्राकृतिक आपदाएँ जैसे बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि, तूफान, कीट और रोग।
- बुवाई में विफलता: नोटिफाइड क्षेत्र में बुवाई में विफलता।
- पश्चात-उत्पादन हानि: फसल की कटाई के बाद नुकसान।
- स्थानीय आपदाएँ: जैसे भूस्खलन, ओलावृष्टि आदि।
आवश्यक दस्तावेज PM Fasal Bima Yojana
- आधार कार्ड
- बैंक खाता पासबुक
- खसरा नंबर
- बुवाई प्रमाण पत्र
- गाँव की पटवारी
- भूमि संबंधी दस्तावेज

प्राकृतिक आपदाओं का मतलब और प्रकार PM Fasal Bima Yojana
प्राकृतिक आपदाएं वे प्राकृतिक घटनाएं हैं जो मानव जीवन और संसाधनों पर बुरा प्रभाव डालती हैं। इनमें भूकंप, बाढ़, तूफान, चक्रवात, सूखा, बर्फबारी, भूस्खलन, आग, और विविध प्रकार की वायुमंडलीय प्रक्रियाएं शामिल हैं। ये आपदाएं अक्सर नागरिकों, कृषि, पारिस्थितिकी, और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं और सरकारों को तात्कालिक राहत, सहायता, और राहत कार्यक्रम शुरू करने की आवश्यकता पैदा करती हैं।
मुख्य उद्देश्य PM Fasal Bima Yojana
इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित होने वाले किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपनी खेती को फिर से आरंभ कर सकें और नवीनतम और आधुनिक कृषि प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर सकें।
लाभ PM Fasal Bima Yojana
- पूर्ण बीमा राशि: प्राकृतिक आपदा के कारण होने वाले फसल नुकसान पर पूर्ण बीमा राशि मिलती है।
- ऑनलाइन बीमा कैलकुलेटर: Bima Premium की गणना के लिए Online उपलब्ध हैं।
- खेती में लाभकारी: किसानों को और ज्यादा लाभकारी बनाने के लिए समर्थन प्रदान किया जाता है।
- कम प्रीमियम: Bima Premium राशि बहुत कम होती है। प्रौद्योगिकी का उपयोग:योजना में प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाता है, जैसे कि फसल कटाई प्रयोगों (सीसीई) के लिए सुदूर संवेदन का उपयोग, जिससे फसल नुकसान के आकलन में सटीकता बढ़ती है.
- आसान आवेदन प्रक्रिया: योजना में भाग लेने के लिए आसान ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया है।
तकनीकी पहल PM Fasal Bima Yojana
- YES-TECH: उपज अनुमान प्रणाली, जो रिमोट सेंसिंग और ड्रोन तकनीक का उपयोग करके फसल की उपज का सटीक अनुमान लगाती है।
- WINDS: मौसम सूचना और नेटवर्क डेटा प्रणाली, जो स्थानीय स्तर पर मौसम संबंधी डेटा एकत्र करती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) PM Fasal Bima Yojana
प्रश्न 1: बीमा क्या है?
उत्तर: बीमा एक ऐसा साधन है जो आपको अप्रत्याशित नुकसान की एक छोटी सी संभावना से बचाता है। यह लोगों को जोखिम को स्थानांतरित करने और साझा करने का एक साधन प्रदान करने की एक तकनीक है, जहाँ कुछ लोगों द्वारा झेले गए नुकसान की भरपाई कई लोगों द्वारा किए गए छोटे-छोटे योगदानों के माध्यम से जमा किए गए धन से की जाती है, जो समान जोखिमों के संपर्क में हैं। बीमा पैसा कमाने का साधन नहीं है, बल्कि किसी व्यक्ति या व्यवसाय को अप्रत्याशित नुकसान की भरपाई करने में मदद करने का साधन है जो अन्यथा वित्तीय आपदा का कारण बन सकता है।
प्रश्न 2: फसल बीमा क्या है?
उत्तर: फसल बीमा, कृषकों को फसल विफलताओं/नामित या उनके नियंत्रण से परे सभी अप्रत्याशित संकटों से उत्पन्न होने वाली अनिश्चितताओं के कारण होने वाले वित्तीय नुकसान से बचाने का एक साधन है।
प्रश्न 3. पीएमएफबीवाई का उद्देश्य?
उत्तर: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में सतत उत्पादन को समर्थन प्रदान करना है – क) अप्रत्याशित घटनाओं से उत्पन्न फसल हानि/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना ख) खेती में उनकी निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए किसानों की आय को स्थिर करना ग) किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना घ) कृषि क्षेत्र में ऋण का प्रवाह सुनिश्चित करना; जो खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण और कृषि क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के अलावा किसानों को उत्पादन जोखिमों से बचाने में योगदान देगा।
प्रश्न 4: मौसम आधारित फसल बीमा क्या है?
उत्तर: मौसम आधारित फसल बीमा का उद्देश्य प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों जैसे वर्षा, तापमान, पाला, आर्द्रता आदि के कारण होने वाली प्रत्याशित फसल हानि के कारण होने वाली वित्तीय हानि की संभावना के विरुद्ध बीमित किसानों की कठिनाई को कम करना है।
प्रश्न 5. कितनी फसलों का कवरेज?
उत्तर: 1) खाद्य फसलें (अनाज, बाजरा और दालें), 2) तिलहन, 3) वार्षिक वाणिज्यिक / वार्षिक बागवानी फसलें
प्रश्न 6. बीमा राशि/कवरेज सीमा क्या है?
उत्तर: 1. ऋणी और गैर-ऋणी दोनों किसानों के लिए प्रति हेक्टेयर बीमित राशि जिला स्तरीय तकनीकी समिति द्वारा तय किए गए वित्त के पैमाने के बराबर होगी और इसे SLCCCI द्वारा पूर्व-घोषित और अधिसूचित किया जाएगा। वित्त के पैमाने की कोई अन्य गणना लागू नहीं होगी। व्यक्तिगत किसान के लिए बीमित राशि प्रति हेक्टेयर वित्त के पैमाने के बराबर होती है जिसे किसान द्वारा बीमा के लिए प्रस्तावित अधिसूचित फसल के क्षेत्र से गुणा किया जाता है। ‘खेती के तहत क्षेत्र’ को हमेशा ‘हेक्टेयर’ में व्यक्त किया जाएगा। 2. सिंचित और असिंचित क्षेत्रों के लिए बीमित राशि अलग-अलग हो सकती है
प्रश्न 7. कितनी कंपनियां फसल बीमा प्रदान करती हैं?
उत्तर:
- कृषि बीमा कंपनी
- चोलामंडलम एमएस जनरल इंश्योरेंस कंपनी
- रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- बजाज आलियांज
- फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- यूनिवर्सल सोम्पो जनरल इंश्योरेंस कंपनी
- आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- एसबीआई जनरल इंश्योरेंस
- यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी
निष्कर्ष– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट और बीमारियों से होने वाले फसल नुकसान से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह योजना किसानों की आय को स्थिर बनाए रखने, कृषि क्षेत्र में जोखिम को कम करने और उन्हें पुनः कृषि में निवेश करने हेतु प्रोत्साहित करने का एक प्रभावी माध्यम है।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को बहुत ही कम प्रीमियम दर (खरीफ फसल के लिए 2%, रबी फसल के लिए 1.5%, और वाणिज्यिक फसलों के लिए 5%) पर बीमा कवर मिलता है। बीमा दावा सीधे किसानों के बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाता है, जिससे पारदर्शिता और त्वरित सहायता सुनिश्चित होती है।
PMFBY का दीर्घकालिक निष्कर्ष यह है कि यह योजना कृषि को एक सुरक्षित और स्थिर व्यवसाय बनाने में सहायक है। इससे किसानों का मनोबल बढ़ता है, और वे जलवायु परिवर्तन तथा अन्य जोखिमों से डरने के बजाय आधुनिक खेती की ओर बढ़ते हैं। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में क्रियान्वयन संबंधी चुनौतियाँ रही हैं, फिर भी यह योजना किसानों के लिए एक सशक्त आर्थिक सुरक्षा कवच के रूप में उभरी है।